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विश्वकर्मा पुरस्कार

विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार (वीआरपी)

परिचय

पिछले कई सालों से देश के कई प्रगतिशील औद्योगिक उपक्रमों में “परामर्श योजना” चलाई जा रही है। ये “योजनाएं” संयंत्र (प्लांट) के अनुसार होती हैं। कामगारों की बढ़ी हुई उत्पादकता, गुणवत्ता, सुरक्षा, कार्य दशाओं, आयात विकल्प आदि जैसे शानदार उपलब्धियों या अच्छे निष्पादन की ओर ले जाने वाले अच्छे परामर्श को प्रबंधन द्वारा उद्यम स्तर पर पुरस्कार और प्रशस्ति सहित अन्य वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों के जरिए उपयुक्त रीति से पुरस्कृत किया जाता है। पुरस्कार की राशि की मात्रा आमतौर पर उत्पादन की लागत में अनुमानित वार्षिक बचत से संबंधित होती है जो प्लांट स्तर पर परामर्श को लागू किए जाने के कारण संभव होती है।

औद्योगीकरण के बढ़ते रफ्तार के साथ यह माना गया कि कामगारों की श्रेष्ठ उपलब्धियों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल हो ताकि कामगार यह महसूस कर सकें कि उन्हें जीवन के अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं के समकक्ष महत्व दिया गया है। इसलिए भारत सरकार के श्रम और नियोजन मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक उपक्रमों के कामगारों के प्रयासों को पुरस्कृत करने एवं उसकी सराहना करने के उद्देश्य से 1965 में विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार योजना (जिसे पहले श्रम वीर राष्ट्रीय पुरस्कार कहा जाता था) की शुरुआत की। तब से इस योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। यह योजना कारखानों और गोदियों में काम करने वाले कामगारों पर लागू होती है।

पुरस्कारों का आधार

यह योजना ऐसे औद्योगिक उपक्रमों के लिए है जहां परामर्श योजना गुणवत्ता वृत्तों, सामान्य परामर्श योजना, सुरक्षा परामर्श योजना, कैजन योजनाओं और लघु समूह क्रियाकलापों आदि के रूप में चलाई जा रही हों। प्रबंधन द्वारा स्वीकार्य और विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार (वीआरपी) के लिए विचारार्थ निम्नलिखित किसी भी विशेषता के संदर्भ में पिछले कैलेंडर साल के दौरान लागू किया गया परामर्श।

पुरस्कारों की संख्या

निम्न तीन श्रेणियों के अन्तर्गत कुल अठाईस (28) पुरस्कार हैं:

  • श्रेणी "ए" या प्रथम श्रेणी – 75,000/-* रुपये प्रति के पांच (5) नकद पुरस्कार
  • श्रेणी "बी" या द्वितीय श्रेणी – 50,000 / - * रुपये प्रति के आठ (8) नकद पुरस्कार
  • श्रेणी 'सी' या तृतीय श्रेणी – 25,000/-* रुपए प्रति के पंद्रह (15) नकद पुरस्कार

* संशोधित पुरस्कार राशि

पुरस्कार प्रदान किए जाने की प्रक्रिया

हर साल प्रमुख राष्ट्रीय एवं स्थानीय समाचारपत्रों में विज्ञापन के जरिए पुरस्कार प्रदायन हेतु अनुशंसित प्रारूप में आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। जहां ये परामर्श योजनाएं चलाई जा रही हों उस संगठन के संबंधित प्रबंधन को कामगार की ओर से आवेदन प्रेषित करना होगा। स्वीकृत आवेदन का मूल्यांकन आंतरिक एवं बाह्य मूल्यांकन समितियों द्वारा किया जाएगा जिनमें से प्रत्येक में तीन विशेषज्ञ होंगे जो यांत्रिक अभियंत्रण/विनिर्माण अभियंत्रण/औद्योगिक अभियंत्रण/विद्युत अभियंत्रण/रासायनिक अभियंत्रण/अर्गोनॉमिक्स/पर्यावरण अभियंत्रण/सामान्य प्रबंधन क्षेत्रों के विशेषज्ञ होंगे। दोनों समितियों द्वारा मूल्यांकन के बाद आवेदनों पर निर्णय के लिए उन्हें त्रिपक्षीय पुरस्कार समिति में भेजा जाता है जिनके सदस्य भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के द्वारा उनकी तकनीकी क्षमता और विशेषज्ञता के आधार पर नियुक्त किए जाते हैं। त्रिपक्षीय पुरस्कार समिति में सरकार, नियोक्ताओं और कर्मचारियों के प्रतिनिधि होते हैं।

पुरस्कार वितरण समारोह

हर निष्पादन वर्ष के लिए विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार (वीआरपी) का वितरण नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में भारत सरकार के माननीय केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री के हाथों किया जाता है। आम तौर पर यह समारोह 17 सितंबर को पड़ने वाले विश्वकर्मा पूजन के दिन आयोजित होता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार

  1. इन्धन सहित अन्य सामग्रियों की बचत करने वाले आविष्कार और सुधार तथा बिजली और निर्माण समय की बचत और संयंत्र एवं उपकरण के इस्तेमाल में समुन्नयन;
  2. आयातित वस्तुओं की जगह पर स्वदेशी सामग्रियों के इस्तेमाल के तरीकों और साधनों में सुधार (आयात विकल्प);
  3. उत्पादकता बढ़ाने के लिए मशीन और उपकरण, अपशिष्ट या रद्दी (स्क्रेप) का बेहतर इस्तेमाल;
  4. कुछ परिचालनों में भौतिक प्रयासों/अर्गोनॉम्किक्स मध्यस्थता जिससे बोझिलता कम हो और उत्पादकता में वृद्धि हो;
  5. सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण, सुरक्षा मानकों, सुरक्षा उपकरणों और पर्यावरण की दशाओं तथा व्यवसाय संबंधी रोगों से बचाव की विधियों में सुधार;
  6. संगठन और प्रबंधन की कुशलता वृद्धि;
  7. उत्पादों की गुणवत्ता या उनकी डिजाइन और पैकिंग विधियों में सुधार;
  8. सामान्य कार्य परिवेश को सुरक्षित बनाना।

परिचय

औद्योगिक संस्थानों के बेहतरीन सुरक्षा निष्पादन को मान्यता देने और दुर्घटना बचाव और सुरक्षा प्रवर्धन कार्यक्रमों में प्रबंधन एवं कामगारों दोनों की रुचि को बढ़ावा देना और उसे कायम रखने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 1965 में राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (एनएसए) की स्थापना की। आरंभिक रूप से एनएसए की स्थापना कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत पंजीकृत कारखानों के लिए की गई थी जो प्रतियोगिता वर्ष के दौरान दस लाख मानव-घंटों या उससे अधिक कार्यरत रहे हों। वर्ष 1971 से, दस लाख मानव-घंटों से कम काम करने वाले कारखानों के लिए और साथ ही बंदरगाहों के लिए अलग से योजनाएं चलाई गई। 1978 से दो और योजनाएं चलाई गईं जो प्रत्येक प्रतियोगिता वर्ष के दौरान एक लाख मानव-घंटों से अधिक और ढाई लाख मानव-घंटों से काम करने वाले कारखानों के लिए थीं। फिर, 1978 से पहले की योजनाओं में पुरस्कार समिति के निर्णयों के अनुसार 1978 में सुधार किए गए जिसका गठन भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा इस उद्देश्य से किया गया था। वर्तमान में बारह योजनाएं हैं जिनके विवरण नीचे दिए जा रहे हैं। इन योजनाओं का संचालन भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के कारखाना परामर्श सेवा और श्रम संस्थान के महानिदेशक (डीजीएफएएसएलआई), मुम्बई द्वारा किया जाता है।

I से X तक की योजनाएं कारखाना अधिनियम, 1948, भवन एवं निर्माण कार्यों के अंतर्गत निर्माण स्थल (रोजगार एवं सेवा शर्तों का नियमन) अधिनियम, 1996 और परमाणु ऊर्जा नियंत्रण बोर्ड (एईआरबी) के अधीन इंस्टॉलेशन के तहत पंजीकृत कारखानों के लिए हैं। XI से XII तक की योजनाएं बंदरगाहों के अंतर्गत आने वाले संस्थानों के लिए हैं।

पुरस्कारों का आधार

दस लाख मानव-घंटे और उससे अधिक काम करने वाले कारखानों/निर्माण स्थलों/ एईआरबी (अर्ब) के अंतर्गत आने वाले इंस्टॉलेशन के लिए

योजना I : न्यूनतम औसत बारंबारता दर पर आधारित
सूची में दिए गए वैसे उद्योगों जिनकी निष्पादन वर्ष पर खत्म होने वाले तीन पूर्ववर्ती वर्षों की अवधि में औसत भारित दुर्घटना बारंबारता दर न्यूनतम हो, ऐसे उद्योगों के 15 समूहों में से प्रत्येक में एक विजेता और एक उप-विजेता है। पुरस्कार प्राप्त हर व्यक्ति को एक शील्ड और योग्यता प्रमाणपत्र दिया जाएगा। भारित बारंबारता दर निम्नलिखित का योग होती है–

  • काम किए गए प्रति दस लाख मानव-घंटे के दौरान गैर-जानलेवा दुर्घटनाओं की संख्या
  • काम किए गए प्रति दस लाख मानव-घंटे के दौरान जानलेवा दुर्घटनाओं की संख्या गुणा दस
  • काम किए गए प्रति दस लाख मानव-घंटे के दौरान स्थायी शारीरिक अक्षमता की कुल संख्या गुणा दस।


योजना II : दुर्घटनामुक्त वर्ष के आधार पर
सूची में दिए गए उद्योगों जिन्होंने अधिकतम अवधि तक बिना किसी जानलेवा/गैर-जानलेवा दुर्घटानों/कुल स्थायी अक्षमता के काम किया हो- वैसे उद्योगों के 15 समूहों में से प्रत्येक में एक विजेता और एक उप-विजेता है। पुरस्कार प्राप्त हर व्यक्ति को एक शील्ड और योग्यता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
दस लाख मानव-घंटे से कम और न्यूनतम पांच लाख मानव-घंटे तक काम करने वाले कारखानों/निर्माण स्थलों/ एईआरबी (अर्ब) के अंतर्गत आने वाले इंस्टॉलेशन के लिए

योजना III : न्यूनतम औसत बारंबारता दर पर आधारित
सूची में दिए गए वैसे उद्योगों जिनकी निष्पादन वर्ष पर खत्म होने वाले तीन पूर्ववर्ती वर्षों की अवधि में औसत भारित दुर्घटना बारंबारता दर न्यूनतम हो, ऐसे उद्योगों के 11 समूहों में से प्रत्येक में एक विजेता और एक उप-विजेता है। पुरस्कार प्राप्त हर व्यक्ति को एक शील्ड और योग्यता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

योजना IV : दुर्घटनामुक्त वर्ष के आधार पर
सूची में दिए गए उद्योगों जिन्होंने अधिकतम अवधि तक बिना किसी जानलेवा/गैर-जानलेवा दुर्घटानों/कुल स्थायी अक्षमता के काम किया हो- वैसे उद्योगों के 11 समूहों में से प्रत्येक में एक विजेता और एक उप-विजेता है। पुरस्कार प्राप्त हर व्यक्ति को एक शील्ड और योग्यता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

पांच लाख मानव-घंटे से कम और न्यूनतम ढाई लाख मानव-घंटे तक काम करने वाले कारखानों/निर्माण स्थलों/ एईआरबी (अर्ब) के अंतर्गत आने वाले इंस्टॉलेशन के लिए

योजना V : न्यूनतम औसत बारंबारता दर पर आधारित
सूची में दिए गए वैसे उद्योगों जिनकी निष्पादन वर्ष पर खत्म होने वाले तीन पूर्ववर्ती वर्षों की अवधि में औसत भारित दुर्घटना बारंबारता दर न्यूनतम हो, ऐसे उद्योगों के 11 समूहों में से प्रत्येक में एक विजेता और एक उप-विजेता है। पुरस्कार प्राप्त हर व्यक्ति को एक शील्ड और योग्यता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

योजना VI : दुर्घटनामुक्त वर्ष के आधार पर
सूची में दिए गए उद्योगों जिन्होंने अधिकतम अवधि तक बिना किसी जानलेवा/गैर-जानलेवा दुर्घटानों/कुल स्थायी अक्षमता के काम किया हो- वैसे उद्योगों के 15 समूहों में से प्रत्येक में एक विजेता और एक उप-विजेता है। पुरस्कार प्राप्त हर व्यक्ति को एक शील्ड और योग्यता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

ढाई लाख मानव-घंटे से कम और न्यूनतम एक लाख मानव-घंटे तक काम करने वाले कारखानों/निर्माण स्थलों/ एईआरबी (अर्ब) के अंतर्गत आने वाले इंस्टॉलेशन के लिए।

योजना VII : न्यूनतम औसत बारंबारता दर पर आधारित
सूची में दिए गए वैसे उद्योगों जिनकी निष्पादन वर्ष पर खत्म होने वाले तीन पूर्ववर्ती वर्षों की अवधि में औसत भारित दुर्घटना बारंबारता दर न्यूनतम हो, ऐसे उद्योगों के 11 समूहों में से प्रत्येक में एक विजेता और एक उप-विजेता है। पुरस्कार प्राप्त हर व्यक्ति को एक शील्ड और योग्यता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

योजना VIII : दुर्घटनामुक्त वर्ष के आधार पर
सूची में दिए गए उद्योगों जिन्होंने अधिकतम अवधि तक बिना किसी जानलेवा/गैर-जानलेवा दुर्घटानों/कुल स्थायी अक्षमता के काम किया हो- वैसे उद्योगों के 15 समूहों में से प्रत्येक में एक विजेता और एक उप-विजेता है। पुरस्कार प्राप्त हर व्यक्ति को एक शील्ड और योग्यता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

एक लाख मानव-घंटे से कम और न्यूनतम पचास हजार मानव-घंटे तक काम करने वाले कारखानों/निर्माण स्थलों/एईआरबी (अर्ब) के अंतर्गत आने वाले इंस्टॉलेशन के लिए।
(अभी हाल ही में शुरू किया गया)

योजना IX : न्यूनतम औसत बारंबारता दर पर आधारित
सूची में दिए गए वैसे उद्योगों जिनकी निष्पादन वर्ष पर खत्म होने वाले तीन पूर्ववर्ती वर्षों की अवधि में औसत भारित दुर्घटना बारंबारता दर न्यूनतम हो, ऐसे उद्योगों के 11 समूहों में से प्रत्येक में एक विजेता और एक उप-विजेता है। पुरस्कार प्राप्त हर व्यक्ति को एक शील्ड और योग्यता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

योजना X : दुर्घटनामुक्त वर्ष के आधार पर
सूची में दिए गए उद्योगों जिन्होंने अधिकतम अवधि तक बिना किसी जानलेवा/गैर-जानलेवा दुर्घटानों/कुल स्थायी अक्षमता के काम किया हो- वैसे उद्योगों के 15 समूहों में से प्रत्येक में एक विजेता और एक उप-विजेता है। पुरस्कार प्राप्त हर व्यक्ति को एक शील्ड और योग्यता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

बंदरगाहों के लिए

योजना XI : जहाज पर काम करने के लिए (न्यूनतम औसत बारंबारता दर के आधार पर)- पहले इसे योजना IX कहा जाता था
जहाज पर बड़ी मात्रा में तेल के परिचालन को छोड़कर अन्य मालों के परिचालन से संबंधित उस नियोक्ता के लिए तीन पुरस्कारों का प्रावधान किया गया है जो निष्पादन वर्ष पर खत्म होने वाले तीन पूर्ववर्ती वर्षों की अवधि में न्यूनतम औसत भारित दुर्घटना बारंबारता दर को न्यूनतम रखने में सफल रहता है। एक पुरस्कार ऐसे नियोक्ता के लिए है जो निष्पादन वर्ष पर खत्म होने वाले तीन पूर्ववर्ती वर्षों में से प्रत्येक की अवधि में 1,00,000 मानव घंटे तक काम किया हो (समूह ए)। दूसरा पुरस्कार ऐसे नियोक्ता के लिए है जो तीन क्रमागत वर्षों में से प्रत्येक में न्यूनतम 50,000 मानव-घंटे लेकिन 1,00,000 मानव घंटे तक कम काम किया हो (समूह बी) और तीसरा पुरस्कार ऐसे नियोक्ता के लिए है जो तीन क्रमागत वर्षों में से प्रत्येक में न्यूनतम 25,000 मानव-घंटे लेकिन 50,000 मानव घंटे तक कम काम किया हो (समूह सी)। प्रत्येक समूह के विजेता और उप-विजेता को एक शील्ड प्रदान किया जाएगा। पुरस्कृत व्यक्तियों को योग्यता प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।

योजना XII : समुद्र तट पर काम के लिए (न्यूनतम औसत बारंबारता दर पर आधारित) - पहले इसे योजना X कहा जाता था
बंदरगाह प्राधिकारों सहित समुद्र तट के ऐसे नियोक्ताओं के लिए तीन पुरस्कारों का प्रावधान किया गया है जो निष्पादन वर्ष पर खत्म होने वाले तीन पूर्ववर्ती वर्षों की अवधि में न्यूनतम औसत भारित दुर्घटना बारंबारता दर को न्यूनतम रखने में सफल रहता है। एक पुरस्कार ऐसे नियोक्ता के लिए है जो निष्पादन वर्ष पर खत्म होने वाले तीन पूर्ववर्ती वर्षों में से प्रत्येक की अवधि में 2,50,000 मानव घंटे तक काम किया हो (समूह ए)। दूसरा पुरस्कार ऐसे नियोक्ता के लिए है जो तीन क्रमागत वर्षों में से प्रत्येक में न्यूनतम 1,00,000 मानव-घंटे लेकिन 2,50,000 मानव घंटे तक कम काम किया हो (समूह बी) और तीसरा पुरस्कार ऐसे नियोक्ता के लिए है जो तीन क्रमागत वर्षों में से प्रत्येक में न्यूनतम 25,000 मानव-घंटे लेकिन 1,00,000 मानव घंटे तक कम काम किया हो (समूह सी)। प्रत्येक समूह के विजेता और उप-विजेता को एक शील्ड प्रदान किया जाएगा। पुरस्कृत व्यक्तियों को योग्यता प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।

पुरस्कार प्रदान किए जाने की प्रक्रिया

हर साल प्रमुख राष्ट्रीय एवं स्थानीय समाचारपत्रों में विज्ञापन के जरिए पुरस्कार प्रदायन हेतु अनुशंसित प्रारूप में आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। संगठनों के लिए आवश्यक है कि वे अपने लिए लागू होने वाली प्रत्येक योजना के लिए आवेदन करें। आवेदनों पर निर्णय त्रिपक्षीय पुरस्कार समिति द्वारा किया जाएगा जिसका गठन तीन साल के लिए भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के द्वारा किया गया होगा और इसमें कम से कम पांच सदस्य होंगे जिनका चयन पूर्णतः उनकी तकनीकी क्षमता और विशेषज्ञता के आधार पर किया जाएगा। अंतिम परिणाम के मामले में पुरस्कार समिति का निर्णय अंतिम होगा।

पुरस्कार वितरण समारोह

हर निष्पादन वर्ष के लिए विजेताओं और उप-विजेताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (एनएसए) का वितरण नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में भारत सरकार के माननीय केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री के हाथों किया जाता है। आम तौर पर यह समारोह 17 सितंबर को पड़ने वाले विश्वकर्मा पूजन के दिन आयोजित होता है।

योजना I और II के लिए अनुसूचियां

  1. कपड़ा विनिर्माण
  2. कागज और कागज उत्पाद, प्रकाशन, मुद्रण और रिकॉर्ड मीडिया के पुनरुत्पादन का विनिर्माण
  3. रसायन और रासायनिक उत्पादों का विनिर्माण
  4. कोक और परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों का विनिर्माण
  5. रबड़ और प्लास्टिक उत्पाद का विनिर्माण
  6. मशीनरी और इलेक्ट्रिकल मशीनरी और उपकरण के अलावा अन्य उपकरण का विनिर्माण
  7. विद्युत मशीनरी और उपकरण का विनिर्माण
  8. इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी और उपकरण/उपकरण व चिकित्सा प्रेसिजन और ऑप्टिकल उपकरणों और घड़ियों और घड़ियों का विनिर्माण
  9. परिवहन उपकरण का विनिर्माण
  10. मोटर वाहन, ट्रेलरों और अर्ध ट्रेलरों का विनिर्माण
  11. मशीनरी और उपकरण छोड़कर मूल धातु और गढ़े धातु उत्पादों का विनिर्माण
  12. गैर धातु खनिज उत्पादों का विनिर्माण
  13. खाद्य उत्पादों और पेय पदार्थ का विनिर्माण
  14. निर्माण
  15. विविध (कहीं शामिल नहीं)


योजना III, IV, V, VI,VII, VIII, IX और X के लिए अनुसूचियां

  1. कपड़ा विनिर्माण
  2. रसायन और रासायनिक उत्पादों का विनिर्माण
  3. टेनिंग और चमड़ा की ड्रेसिंग: हैंडबैग, काठी, हार्नेस और जूते, सामान के विनिर्माण
  4. रबड़ और प्लास्टिक उत्पादों का विनिर्माण
  5. गैर धातु खनिज उत्पादों का विनिर्माण
  6. खाद्य उत्पादों और पेय पदार्थ का विनिर्माण
  7. इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी और उपकरण, चिकित्सा प्रेसिजन और ऑप्टिकल उपकरण, घड़ियाँ और घड़ियों का विनिर्माण
  8. इलेक्ट्रिकल मशीनरी को छोड़कर मशीनरी और उपकरण का विनिर्माण
  9. मशीनरी और उपकरण छोड़कर गढ़े धातु उत्पादों के विनिर्माण
  10. निर्माण
  11. विविध (कहीं शामिल नहीं)