एच आई वी एड्स पर राष्ट्रीय नीति
एच आई वी/ एड्स महामारी विकास और सामाजिक प्रगति के लिए एक सर्वाधिक विकट चुनौती है। इस महामारी से गरीबी और असमानता बढ़ती है और इससे समाज के सर्वाधिक वंचित लोगों अर्थात् बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और गरीबों पर भार बढ़ता है। ऐसे देश और संगठन जो समय रहते इसके लिए समुचित कार्रवाई नहीं करते उन्हें सार्वजनिक और नीजि उद्यमों पर भारी लागत देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ती है क्योंकि इससे उत्पादकता में कमी आती है, कुशल और अनुभवी श्रमिकों को खोना पड़ता है और कर्मचारियों के इलाज पर व्यय बढ़ता है जैसे-जैसे सार्वजनिक सेवाओं के लिए मांग बढ़ती है राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाएं, जैसा कि उप-सहारा अफ्रीका जैसे गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में देखा गया है, वस्तुत: प्रत्येक क्षेत्र में प्रभावित हुई है।
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