समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976
समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 का कार्यान्वयन दो स्तरों पर किया जाता है।
केन्द्रीय क्षेत्र: इस अधिनियम का कार्यान्वयन केन्द्र सरकार के प्राधिकरण द्वारा अथवा के अंतर्गत चलाए जा रहे किसी रोजगार अथवा रेल प्रशासन के संबंध में अथवा केन्द्र सरकार द्वारा अथवा के अंतर्गत स्थापित किसी बैंकिंग कंपनी, खान, आयल फील्ड अथवा प्रमुख बंदरगाह अथवा किसी निगम के संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा किया जा रहा है।
केन्द्रीय क्षेत्र में समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 को लागू करने का कार्य मुख्य श्रम आयुक्त (केन्द्रीय) को सौंपा गया है जो केन्द्रीय औद्योगिक सम्पर्क मशीनरी (सीआईआरएम) का प्रमुख होता है। केन्द्र सरकार ने समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 के प्रावधानों का कर्मचारियों जिन्हें फॉर्म डी में कर्मचारियों के रॉल का रखरखाव करना अपेक्षित है, द्वारा संगत पंजिकाओं/अभिलेखों को प्रस्तुत कर पालन किया जा रहा है अथवा नहीं, कर की जांच करने के उद्देश्य से निरीक्षक के रूप में श्रम इन्फोर्समेंट अधिकारियों की नियुक्ति की है। अधिनियम के किसी प्रावधान के उलंघन के संबंध में शिकायतों तथा पुरुष और महिला कामगारों को समान दर पर मजदूरी का भुगतान नहीं करने से उत्पन्न दावों की सुनवाई तथा निवारण करने के उद्देश्य के लिए प्राधिकरणों के रूप में सहायक श्रम आयुक्तों की नियुक्ति की गई है। सहायक श्रम आयुक्त द्वारा किए गए निर्णय के संबंध में शिकायतों की सुनवाई करने के लिए अपीलीय प्राधिकरणके रूप में क्षेत्रीय श्रम आयुक्तों की नियुक्ति की गई है।
राज्य क्षेत्र:केन्द्र सरकार द्वारा सृजित रोजगारों को छोड़कर सभी रोजगारों के संबंध में कार्यान्वयन का कार्य राज्य सरकार के पास है।
केन्द्रीय/राज्य सलाहकार समिति
महिलाओं के लिए बढ़ते रोजगार के अवसर मुहैया कराने तथा अधिनियम के प्रभावपूर्ण कार्यान्वयन के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा करने करने के लिए सरकार को सलाह देने हेतु अधिनियम के अंतर्गत केन्द्र में एक केन्द्रीय सलाहकार समिति का गठन किया गया है। समिति का पुनर्गठन राजपत्र अधिसूचना दिनांक 12.10.2010 के तहत किया गया है। पुनर्गठित समिति की पहली बैठक माननीय श्रम एवं रोजगार मंत्री की अध्यक्षता के तहत दिनांक 22.02.2011 को हुई।