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सर्वोच्च न्यायालय के दिशा - निर्देश

महिला कामगारों के यौन उत्‍पीड़न के संबंध में उच्‍चतम न्‍यायालय के दिशानिर्देश

भारत के माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय ने विशाखा एवं अन्‍य बनाम राजस्‍थान राज्‍य एवं अन्‍य द्वारा दायर वर्ष 1992 की रिट याचिका के मामले में महिला कर्मचारियों के उनके कार्य स्‍थलों पर यौन उत्‍पीड़न की रोकथाम हेतु कतिपय दिशानिर्देश निर्धारित किए हैं। इन अनुदेशों में भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 141 के अंतर्गत विधि का बल है। ये दिशानिर्देश इस संदर्भ में परिभाषा प्रदान करते हैं कि यौन-उत्‍पीड़न में क्‍या निहित है और ये शिकायतों के निवारण के लिए तंत्र की स्‍थापना हेतु प्रावधान भी प्रदान करते हैं।

माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्णय के अनुसरण में श्रम मंत्रालय ने इस निर्णय में समाहित दिशानेर्देशों को अक्षरश: क्रियान्‍वित करने के लिए सभी केन्‍द्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्‍य सरकारों, संघ राज्‍य क्षेत्रों तथा केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को पत्र लिखा। अखिल भारतीय सेवा में कार्य स्थल पर यौन उत्‍पीड़न के आशय से ऐसा कदाचार निहित है जिसके लिए सरकारी सेवक/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जा सकती है।