एनसीएलपी स्कीम
१२ बाल श्रम के स्थानिक जिलों में काम करने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए सरकार ने १९८८ में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (एनसीएलपी) स्कीम शुरू की थी।
वर्ष | एनसीएलपी की मंजूर संख्या | कुल संख्या |
---|---|---|
१९८८ | १२ एनसीएलपी | १२ |
९वीं योजना | ८८ एनसीएलपी | १०० |
१०वीं योजना | १५० एनसीएलपी | २५० |
११वीं योजना | २१ एनसीएलपी (सिन्धु) | २७१ |
इस योजना का उद्देश्य:
- अनौपचारिक / ब्रिज शिक्षा
- कुशल / व्यावसायिक प्रशिक्षण
- मध्यांतर आहार
- १५०/ - की दर से वृत्ति प्रति माह प्रति बच्चा
- स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के लिए २० स्कूलों के एक समूह के लिए एक डॉक्टर नियुक्त किया है
लक्षित समूह:
परियोजना सोसाइटियों से अपेक्षा की जाती है कि वे ख़तरनाक व्यवसायों और प्रक्रियाओं में कार्यरत बच्चों की पहचान करें। फिर ये बच्चे परियोजना सोसाइटी के लिए लक्ष्य समूह बनेंगे। ५-८ वर्ष के आयु समूह में अभिज्ञप्त बच्चों को सीधे औपचारिक शिक्षा प्रणाली के लिए सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा। ९-१४ वर्ष के आयु समूह में काम करने वाले बच्चों के लिए परियोजना सोसाइटी द्वारा स्थापित एनसीएलपी स्कूलों के माध्यम से पुनर्वास किया जाना होगा।
परियोजना कार्यान्वयन:
पूरी परियोजना को जिले के प्रशासनिक प्रमुख अर्थात्, जिला मजिस्ट्रेट /कलेक्टर / जिले का उपायुक्त की अध्यक्षता के तहत, एक पंजीकृत सोसाइटी के माध्यम से लागू करने की आवश्यकता है। सोसाइटी के सदस्यों को संबंधित सरकारी विभागों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, ग़ैर सरकारी संगठनों, श्रमिक संघों आदि से चुना जाए।
वित्त-पोषण स्वरूप:
केन्द्रीय क्षेत्र में परियोजनाओं को आरंभ किया गया है, जिसके लिए संपूर्ण वित्त-पोषण केन्द्रीय सरकार (श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय) द्वारा किया जाता है। परियोजना की गतिविधियों की प्रगति के आधार पर संबंधित परियोजना सोसाइटियों को निधि जारी करते हैं।
एनसीएलपी स्कीम की वर्तमान स्थिति:
यथा दिनांक एनसीएलपी योजना के तहत ७३११ विशेष स्कूल चलाए जा रहे हैं। यथा दिनांक लगभग ८.५२ लाख बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा मे जोड़ा गया है।