प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार
प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार का उद्देश्य है सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के संगठनों में, औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 में परिभाषित किए अनुसार कामगारों के विशिष्ट योगदानों का सम्मान करना और ऐसे कामगारों को सम्मानित करना जिनके निष्पादन का अच्छा रिकॉर्ड रहा है, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूर्ण मनोयोग के साथ निभाई हो, उत्पादकता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान दिया हो, जिन्होंने अपनी अभिनव योग्यता साबित की हो, जिन्होंने प्रत्युत्पन्न मति और असाधारण साहस दिखाया हो और अपने कर्तव्य के पालन में कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपना जीवन समर्पित कर दिया हो।
यह पुरस्कार, औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 में परिभाषित एवं केन्द्रीय एवं राज्य सरकारों के विभागीय उपक्रमों, केन्द्र और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र में नियुक्त और न्यूनतम 500 कर्मचारी ऑन रोल तथा विनिर्माण और उत्पादक प्रक्रियाओं में संलग्न तथा जिनका निष्पादन मूल्यांकन हो गया हो, ऐसे कामगारों को दिया जाएगा। ऐसे कामगार जो रूटीन सेवा कार्यों में लगे हों, वे इसके योग्य नहीं होंगे।
- उद्योग के सभी क्षेत्र इसके अंतर्गत आएंगे। रक्षा उत्पादन और आपूर्ति विभाग, भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यमों जैसे महत्वपूर्ण विभागों/उपक्रमों में काम करने वाले व्यक्तियों को इसमें पर्याप्त महत्व दिया जाना चाहिए।
- ऊपर उल्लेखित क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाली महिलाओं और शारीरिक रूप से अक्षम वयक्तियों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।
- जो संगठन अपने कामगारों का नाम “प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार” के लिए अनुशंसित करते हैं उन्हें इस बारे में स्वयं आश्वस्त हो जाना चाहिए कि वे कामगार इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार पाने की योग्यता रखते हैं ओर इस आशय का एक प्रमाण-पत्र उस संगठन के प्रमुख या मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा अपने हस्ताक्षर और मुहर के साथ जारी किया जाना चाहिए जहां संबंधित कामगार काम करता है।