सतर्कता प्रभाग के बारे में
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का सतर्कता प्रभाग, मंत्रालय तथा इससे संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों और मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन स्वायत्तशासी निकायों में सतर्कता संबंधी मामलों पर कार्य करने हेतु नोडल प्रभाग है। सतर्कता प्रभाग की प्राथमिक जिम्मेदारी मंत्रालय की पवित्रता, अखंडता और कुशलता को बनाए रखना है। सतर्कता प्रभाग का नेतृत्व एक संयुक्त सचिव द्वारा किया जाता है जिसे मुख्य सतर्कता अधिकारी, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के पद पर नियुक्त किया गया है। मुख्य सतर्कता अधिकारी मंत्रालय को सतर्कता संबंधी सभी सहयोग/सुझाव प्रदान करता है। वह मंत्रालय तथा केन्द्रीय सतर्कता आयोग तथा केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के मध्य कड़ी का कार्य भी करता है। मुख्य सतर्कता अधिकारी के नेतृत्व में सतर्कता प्रभाग, केन्द्रीय सतर्कता आयोग, प्रधानमंत्री कार्यालय के भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ, जांच एजेंसियों अथवा अन्य स्रोतों से प्राप्त शिकायतों के विभिन्न आरोपों के आधार पर जांच करता है अथवा जांच कराता है, जांच प्रतिवेदनों को अनुशासनिक प्राधिकारी के विचारार्थ प्रक्रियागत करता है, मामलों को सुझाव हेतु केन्द्रीय सतर्कता आयोग को संदर्भित करता है और आयोग को अनुचित प्रथाओं/दुर्व्यवहार इत्यादि से बचाने हेतु कदम उठाता है। निवारक सतर्कता के हिस्से के तौर पर, सतर्कता प्रभाग संवेदनशीन पदों पर आसीन संदेहास्पद निष्ठा वाले अधिकारियों की सूची तैयार करता है और उनका युक्तिगत स्थानांतरण सुनिश्चित करता है व 'सतर्कता जागरूकता सप्ताह' मना कर जागरूकता फैलाता है। दंडात्मक सतर्कता के अंतर्गत सतर्कता प्रभाग यह सुनिश्चित करता है कि संबंधित कर्मचारी को दिया जाने वाला आरोप-पत्र ठीक ढंग से तैयार किया गया और अविलंब जारी किया गया है, यथा समय जांच प्राधिकारी की नियुकित सुनिश्चित करता है, जांच प्राधिकारी के प्रतिवेदन की जांच करता है, सभी प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन और बचाव के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवार्इ हेतु सक्षम प्राधिकारी के आदेश प्राप्त करता है, और जहां कहीं आवश्यक हो केन्द्रीय सतर्कता आयोग और संघ लोक सेवा आयोग का परामर्श प्राप्त करता है।












